लेखक : उन्मेष गुजराथी
9 Feb, 2023
अत्यधिक प्रचारित ब्रांड ओरोवेट (Oroweat), विब्स (Wibs), इंग्लिश ओवन (English Oven), लुविया (Lluvia), नेचर्स (Nature’s), मफेट्स एण्ड टफेट्स (Muffets and tuffets), ब्रिटानिया (Britannia), मॉडर्न (Modern), हार्वेस्ट गोल्ड (Harvest Gold) और बॉन आटा (Bonn Atta) उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं
ब्राउन ब्रेड पूरी तरह से रंगी होती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है
अत्यधिक मैदा वेरायटीज में अत्यधिक खमीर सामग्री होती है
भारतीय रोटी, नान, पराठा कहीं अधिक स्वास्थ्यवर्धक हैं
उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव
ब्राउन ब्रेड (brown bread) कितनी हेल्दी है? हम स्पष्ट रूप से भारतीय संदर्भ में बात कर रहे हैं जहां कानून खामियां हैं जो बेकर्स (bakers) को स्वाद, आभास और मूल्य निर्धारण में हेरफेर करके मगन होने में मदद करते हैं. स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) (Sprouts Special Investigation Team (SIT) ने इस बात का पता लगाया कि कैसे पदार्थ, अर्थात् रसायन “प्रसंस्करण एड्स” (processing aids) के टैग के तहत अघोषित रूप से पास हो जाते हैं. एसआईटी ने यह भी पाया कि ज्यादातर बेकर्स में ब्राउन ब्रेड कैसे बनाई जाती है, इस बारे में पारदर्शिता की कमी है.
छिपाने के लिए क्या है इसका जवाब देने के अलावा, यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सामान्य प्रथाओं से बहुत दूर बेकिंग तकनीकें जिनमें उच्च ऊर्जा रासायनिक योजक (high energy chemical additives) और बड़ी मात्रा में खमीर (yeast) शामिल हैं, इस “हेल्दी फूड” (healthy food) के उपभोक्ताओं को हानि पहुँचाने का कार्य करते हैं. निर्माण प्रक्रिया में यह परिवर्तन कम समय में अधिक ब्रेड का उत्पादन करने के लिए है. आप इसे किसी भी नाम से पुकार सकते हैं- व्होल-व्हीट (whole-wheat), ब्राउन (brown), मल्टीग्रेन (multigrain), व्होल ग्रेन (whole grain) और ऐसे अन्य ब्रांड.
यह जानने का बिल्कुल कोई साधन नहीं है कि आप जो खा रहे हैं वह ब्राउन ब्रेड (brown bread) की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक है, साधारण कारण के लिए बेकरी (bakeries) और निर्माता इसे किसी भी तरह से लेबल करके इससे छुटकारा पा सकते हैं. संक्षेप में, एकमात्र आश्वासन, यदि यह कहा जा सकता है, तो यह है कि ब्रेड का रंग ब्राउन है.
एक लंबी कहानी को छोटा करने के लिए, एसआईटी ने पाया कि “व्हीट ब्रेड” (wheat bread) में रसायनों (chemicals) और एमुल्सिफायर्स (emulsifiers) का उच्च अनुपात होता है और सही तुलना में बहुत अधिक पोषक तत्व (nutrient) या फाइबर सामग्री (fiber content) नगण्य होती है. यह भी व्हाइट ब्रेड (white bread) के पक्ष में बिना कहे चला जाता है कि जितना अधिक अनरिफाइंड आटा (unrefined flour) आप उपयोग करते हैं, उसमें नमी उतनी ही कम होती है. हालांकि यह लोगों को यह बताने का लाइसेंस नहीं हो सकता है कि व्हाइट ब्रेड स्वस्थ है. यह स्पष्ट करता है कि हेल्दी फूड होने के झूठे दावे पर विश्वास करते हुए अपने पैसे को लुटाना व्यर्थ है.
यह पता चलने के बाद एसआईटी टीम हरकत में आ गई कि बड़ी संख्या में लोग इस विश्वास के साथ बेची जा रही ब्राउन ब्रेड वेरायटीज को खरीद रहे हैं कि यह हेल्दी फूड है. रिफाइंड आटे (refined flour) के अलावा सामग्री में मैदा (Maida), आटा (Atta), खाद्य वनस्पति तेल (edible vegetable oil), खमीर (yeast), आयोडीन युक्त नमक (iodized salt), ग्रेन शुगर (grain sugar), फ्लोर ट्रीटमेंट एजेंट (flour treatment agent) के अलावा अनुमत कलरिंग एजेंट (coloring agents) शामिल हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) (Centre for Science and Environment (CSE) ने ब्राउन ब्रेड में हानिकारक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि की है.
संगठन द्वारा किए गए नमूना परीक्षणों से पता चला कि व्हाइट ब्रेड और ब्राउन ब्रेड दोनों के लगभग 84% नमूनों में जहरीले रसायन पोटेशियम ब्रोमेट (Potassium Bromate) और पोटेशियम आयोडाइड थे. पोटेशियम ब्रोमेट को कैंसर (कार्सिनोजेनिक) माना जाता है. अन्य रसायन, पोटेशियम आयोडाइड (Potassium Iodide) जब अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो शरीर द्वारा अतिरिक्त आयोडीन (iodine) के सेवन के कारण थायराइड (thyroid) की समस्या हो सकती है.
जबकि शिथिल नियम अभी भी भारत में ऐसे भ्रामक लेबलों की अनुमति देते हैं, यह उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ (European Union), चीन (China), श्रीलंका (Sri Lanka), ब्राजील (Brazil), नाइजीरिया (Nigeria), पेरू (Peru), दक्षिण कोरिया (South Korea) और अन्य विकासशील देशों में पोटेशियम ब्रोमेट के उपयोग पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारत में बेकर्स रसायनों का उपयोग करते हैं जो ब्राउन ब्रेड को नरम और फूला हुआ बनाते हैं, जिससे यह अधिक स्वादिष्ट हो जाता है. इन जहरीले रसायनों का उपयोग करने वाले भारतीय बेकरों में से कोई भी उनके उपयोग का उल्लेख करने की जहमत नहीं उठाता. वे इसे परिरक्षकों (preservatives) और कलरिंग एजेंट्स (coloring agents) के रूप में दिखाकर चोरी के मार्ग का उपयोग करते हैं.
नवीनतम, यह पता चला कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा (J P Nadda) ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India) द्वारा पूर्व निरीक्षण के बाद ऐसी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया है.
स्वास्थ्य सुरक्षा की बात करें तो इन अत्यधिक मैदा और ज्यादा खमीर की मात्रा वाली ब्रेड की वेरायटीज की अपेक्षा भारतीय रोटी (roti), नान (naan), परोंठा (parontha) का उपयोग करना कहीं अधिक बेहतर होगा. स्प्राउट्स की एसआईटी हेल्दी ईटिंग (healthy eating) के लिए घर के बने खाद्य पदार्थों (food stuffs) के उपयोग की सलाह देती है.
संबंधित लेख व घडामोडी
पुण्यातील आगामी ‘अजय-अतुल लाईव्ह’ कॉन्सर्ट स्थगित
उन्मेष गुजराथी स्प्राऊट्स Exclusive पुण्यात दि.५ मे रोजी आयोजित करण्यात आलेली 'अजय-अतुल लाईव्ह' कॉन्सर्ट स्थगित करण्यात आली असून 'आमच्या प्रस्तावित निदर्शनांमुळे शो स्थगित झाला आहे' असा दावा एड.राधिका कुलकर्णी यांनी केला आहे.यासंदर्भात त्यांनी...
Actor Sahil Khan arrested in Mahadev betting app case
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive Mumbai: The Mumbai Police has arrested actor Sahil Khan for his alleged involvement in the Mahadev betting app case. Sahil Khan was arrested in Chhattisgarh by the Special Investigating Team (SIT) of Mumbai Police Cyber Cell...
Ban on MDH, Everest masala | India seeks details from food regulators of Singapore, Hong Kong
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive India, the world's largest producer, consumer and exporter of spices, has sought details from food safety regulators of Singapore and Hong Kong, which has banned certain spices of Indian brands MDH and Everest due to quality...
अर्थकारणाला वाहिलेलं ह्या पोर्टलवरून अर्थविश्वातील प्रत्येक क्षणाची घडामोड जाणून घेण्यासाठी
आमची समाजमाध्यमं
Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque