लेखक : उन्मेष गुजराथी
2 Jan, 2023

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में बोगस विश्वविद्यालय के संस्थापक का अभिनंदन किया। ‘स्प्राउट्स’ की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है कि उन्होंने उसके साथ आराम से चर्चा की और इतना ही नहीं, उन्होंने दिल्ली में फर्जी पीएचडी डिग्री वितरण कार्यक्रम के लिए उसका निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया.
इंटरनेशनल इंटर्नशिप यूनिवर्सिटी (IIU) पूरी तरह से फर्जी यूनिवर्सिटी है. यह विश्वविद्यालय दुनिया के किसी भी देश में पंजीकृत नहीं है. जालसाज पीयूष पंडित इस फर्जी विश्वविद्यालय का संस्थापक है. यह जालसाज अब तक सैकड़ों लोगों को फर्जी पीएचडी बेच चुका है. इससे उसने करोड़ों रुपये काली कमाई की है. ‘स्प्राउट्स’ की ‘एसआईटी’ के हाथ यह सनसनीखेज जानकारी लगी है कि इस जालसाज को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फर्जी सचिव उल्हास मुणगेकर का समर्थन प्राप्त है.
पीयूष पंडित विदेशों में बसे भारतीयों को अपने जाल में फंसता है. उन्हें दिल्ली बुलाता है और बड़े होटलों में कार्यक्रमों में फर्जी पीएचडी डिग्री बेचता है. पता चला है कि यह जालसाज व्यक्ति इस फर्जी पीएचडी को आधिकारिक दिखाने के लिए पुलिस, वकीलों और सरकारी दफ्तरों के कुछ गणमान्य लोगों को कार्यक्रम में बुलाता है और उनके हाथों लोगों को फर्जी पीएचडी थमा देता है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारी किरण सेठी को इस जालसाज ने एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था. उनके हाथों कुछ लोगों को फर्जी पीएचडी वितरित कराईं.
पंडित नाम के जालसाज ने राज्यपाल कोश्यारी को अपने फर्जी विश्वविद्यालय के ब्रोशर और अन्य उपहारों के साथ निमंत्रण पत्र भी दिया था. यह एक्सक्लूसिव फोटो हम ‘स्प्राउट्स’ के पाठकों के लिए प्रकाशित कर रहे हैं.
इस फर्जी वर्चुअल यूनिवर्सिटी के बोर्ड में मुंबई के पानबाई इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रतिभा मिश्रा, भानु प्रताप सिंह, के. एल गांजू, टी. एन. शिरीष कुमार, संदीप मारवाह, प्रकाश जोशी, संजीव सहगल, एन. डी. माथुर, श्याम सुंदर पाठक शामिल हैं.
भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. इसके अलावा वे महाराष्ट्र के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति हैं. लेकिन उनके शासनकाल में शिक्षा की गुणवत्ता काफी हद तक गिरी है. इसके अलावा भ्रष्टाचार भी चरम पर है. इस भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘स्प्राउट्स’ ने आवाज उठाई है. राज्यपाल से लिखित में पत्राचार किया, समय – समय पर व्यक्तिगत रूप से उनको मिले और संबंधित दस्तावेजों की फाइलें भी दी. लेकिन राज्यपाल की रुचि केवल अभिनंदन कार्यक्रम में है. इससे महाराष्ट्र में लाखों छात्रों का नुकसान हो रहा है, फिर भी राज्यपाल बेपरवाह हैं.
राज्यपाल के सचिव उल्हास मुणगेकर की नियुक्ति अवैध तरीके से की गई है. राजभवन में फर्जी पीएचडी डिग्री वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. फर्जी पीएचडी प्रदान करनेवाले संस्थान ने राज्यपाल कोश्यारी के हाथों सभी को सम्मानित करवाया. इतना ही नहीं, कई फर्जी विश्वविद्यालयों को जन्म देने वाले मधु कृषण को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया और उसके साथ नाश्ता किया. इससे यह व्यवस्था की गई कि यह संदेश जाएगा कि ये फर्जी विश्वविद्यालय सरकारी हैं. इन सभी कुकर्मों के मास्टरमाइंड मुणगेकर हैं.
जालसाज मुणगेकर का करियर अत्यंत भ्रष्ट रहा है. यह जालसाज राजभवन से फर्जी पीएचडी का रैकेट चला रहा है. ‘स्प्राउट्स’ द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी राज्यपाल कोश्यारी और राजभवन प्रशासन उसका साथ दे रहे हैं, लेकिन इससे राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है और छात्रों को काफी नुकसान हो रहा है.


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