लेखक : उन्मेष गुजराथी
11 Feb, 2023
पत्रकारों ने भी रत्नागिरी में रिफाइनरी के खिलाफ अपनी आवाज दबाने में कामयाबी हासिल की.
उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव
रत्नागिरी में विनाशकारी रिफाइनरी के खिलाफ स्थानीय लोगआंदोलनरत हैं. इस उत्तेजना विस्फोट को रोकने के लिए मीडिया को “मैनेज” करने का काम चल रहा है. स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) (Sprouts’ Special Investigation Team (SIT) को सनसनीखेज जानकारी मिली है कि कुछ स्थानीय पत्रकारों को प्रलोभन के रूप में सीधे तौर पर जमीन दी गई है.
‘स्प्राउट्स’ की एसआईटी के पास ‘टीवी9 मराठी’ (TV9 Marathi) के स्थानीय पत्रकार मनोज लेले (Manoj Lele), ‘मुंबई आजतक’ (Mumbai Aajtak) के राकेश गुडेकर (Rakesh Gudekar) और ‘साम’ (Saam) के अमोल कलाये (Amol Kalaye) को पंढरीनाथ आंबेरकर द्वारा सौंपी गई करोड़ों रुपये की जमीन के 7/12 की कॉपी है.
इस 7/12 की कॉपी में दिख रहा है कि हत्या का आरोपी आंबेरकर खुद जमीन का मालिक है. आंबेरकर ही ऐसी जमीनें उपहार में देता था. इन पत्रकारों को विभिन्न कार्यों के प्रोजेक्ट के ठेके भी मिलेंगे. इसके अलावा उन्हें प्रोजेक्ट सर्टिफिकेट (project certificate), नौकरी (job) या मुआवजा (compensation) मिलेगा.
स्मार्ट सिटी में घर भी मिलेगा. आंबेरकर ने रत्नागिरी इलाके के ज्यादातर अखबारों, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के पत्रकारों के सामने इन तमाम खूबियों को रखकर उन्हें अपने पक्ष में कर लिया है. नतीजतन, वारिशे (Warishe) जैसा दूसरा पत्रकार इसका अपवाद था.
पंढरीनाथ आंबेरकर एक भू-माफिया है. इसके अलावा, वह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के एक पदाधिकारी है. आंबेरकर रिफाइनरी का विरोध करने वाले स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को आतंकित करता था. उसी आंबेरकर ने पत्रकार शशिकांत वारिशे (Shashikant Warishe) पर भारी भरकम जीप चढ़ाकर उसकी हत्या कर दी. फिलहाल मुख्य आरोपी आंबेरकर हिरासत में है.
रिफाइनरी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनिल नागवेकर (Anil Nagvekar) यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि न केवल स्थानीय बल्कि महाराष्ट्र के प्रमुख समाचार पत्रों को भी रिफाइनरी के बारे में खबर न मिले. इसके लिए नागवेकर कुछ प्रमुख मीडिया घरानों के मालिकों और संपादकों को “गिफ्ट” देने का काम कर रहे हैं.
जिन पत्रकारों को प्रलोभन और धमकियों की परवाह नहीं है, उन्हें मारने के लिए आरोपी पंढरीनाथ आंबेरकर का इस्तेमाल किया जा रहा था. आरोपी आंबेरकर नागवेकर का दाहिना हाथ माना जाता है. इसलिए नागवेकर की भी वारिशे की हत्या के मामले में गहन जांच की जानी चाहिए.
‘स्प्राउट्स’ के हाथ में जो दस्तावेज आए हैं, उससे पता चलता है कि आंबेरकर ने उक्त पत्रकारों को जमीनें दी हैं. हालांकि, यह देखने में आया है कि कुछ पत्रकारों ने अपने नाम की जगह अपने रिश्तेदारों के नाम पर जमीन ली है. नाणार परियोजना (Nanar project) की घोषणा के बाद से ही आंबेरकर का भू-माफिया के रूप में पर्दाफाश हो गया है. उसने अवैध रूप से गुजरात, राजस्थान, दिल्ली में ‘स्थानीय किसानों’ के रूप में लोगों को जमीनें बेची हैं, इसकी गहन जांच की जानी चाहिए, लेकिन जांच के ‘मैनेज्ड’ होने की अधिक संभावना है.
संबंधित लेख व घडामोडी
पुण्यातील आगामी ‘अजय-अतुल लाईव्ह’ कॉन्सर्ट स्थगित
उन्मेष गुजराथी स्प्राऊट्स Exclusive पुण्यात दि.५ मे रोजी आयोजित करण्यात आलेली 'अजय-अतुल लाईव्ह' कॉन्सर्ट स्थगित करण्यात आली असून 'आमच्या प्रस्तावित निदर्शनांमुळे शो स्थगित झाला आहे' असा दावा एड.राधिका कुलकर्णी यांनी केला आहे.यासंदर्भात त्यांनी...
Actor Sahil Khan arrested in Mahadev betting app case
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive Mumbai: The Mumbai Police has arrested actor Sahil Khan for his alleged involvement in the Mahadev betting app case. Sahil Khan was arrested in Chhattisgarh by the Special Investigating Team (SIT) of Mumbai Police Cyber Cell...
Ban on MDH, Everest masala | India seeks details from food regulators of Singapore, Hong Kong
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive India, the world's largest producer, consumer and exporter of spices, has sought details from food safety regulators of Singapore and Hong Kong, which has banned certain spices of Indian brands MDH and Everest due to quality...
अर्थकारणाला वाहिलेलं ह्या पोर्टलवरून अर्थविश्वातील प्रत्येक क्षणाची घडामोड जाणून घेण्यासाठी
आमची समाजमाध्यमं
Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque