दुविधा में निवेशक कि एलआईसी का क्या करेगी सरकार

लेखक : उन्मेष गुजराथी

27 Feb, 2023

एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की केंद्र की योजना संदेह पैदा करती है

एमटीएनएल और आईडीबीआई को प्रतीकात्मक उदाहरणों के रूप में उद्धृत किया

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स ब्रांड स्टोरी

राजकोषीय घाटे से उबरने के लिए अपनी दुधारू गाय जैसे जीवन बीमा निगम (एलआईसी) (Life Insurance Corporation (LIC) का उपयोग करने के सरकार के अति दकियानूसी रवैया को देश भर के निवेशकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली है, जिन्हें डर है कि यह उन्हें खराब ऋणों (bad debts) में धकेल सकता है.

कहानी तब शुरू हुई जब सरकार ने 100% सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट इकाई में 5% हिस्सेदारी बेचने के लिए अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) (Initial Public Offering (IPO) रोडशो शुरू किया. स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) (Sprouts’ Special Investigation Team (SIT) को पता चला कि पूरे भारत के निवेशक डरे हुए थे कि सरकार के लक्ष्यों और शेयरधारकों की इक्विटी हिस्सेदारी के बीच हितों का टकराव शेयरधारकों के लिए बड़े नुकसान का कारण बन सकता है.

एसआईटी को आगे पता चला कि संभावित शेयरधारकों की राय थी कि एलआईसी में मेजर हिस्सेदारी रखने वाली सरकार के आधार पर, यह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) (public sector undertaking (PSU) को अन्य सरकारी कॉरपोरेट संस्थाओं से घाटे को अवशोषित करने को मजबूर करने के लिए अपना प्रभाव डाल सकती है.

जैसा कि हमारी एसआईटी ने इन्वेस्टर कम्युनिटी से बात की, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में एमटीएनएल (MTNL) और आईडीबीआई (IDBI) के उदाहरणों का हवाला दिया. यह कहते हुए कि यदि इस प्रवृत्ति को जारी रखने की अनुमति दी गई, तो नकदी से भरपूर एलआईसी जल्द ही एक और घाटे वाली इकाई में बदल सकती है. निवेश टीम ने आईपीओ शेयरों (IPO shares) को खरीदने की बुद्धिमत्ता पर गंभीर संदेह व्यक्त किया.

एक निवेशक ने एसआईटी को बताया, “यदि आगे चलकर सरकारें घाटे में चल रही वित्तीय इकाइयों और संस्थाओं को डूबने से बचाने के लिए एक बफर के रूप में एलआईसी का उपयोग करना जारी रखती हैं, तो हम निवेशक के रूप में खराब स्टॉक ऑप्शन्स (bad stock options) में फंस जाएंगे.”

हमारी एसआईटी को यह भी पता चला कि सरकार एलआईसी के आईपीओ की बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग करके अपने वार्षिक राजकोषीय घाटे को कवर करने की योजना बना रही है. हालांकि, यह कदम अपने आप में राहत नहीं ला सकता है क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार और वित्त मंत्रालय (ministry of finance) निवेशकों और बाजार की ताकतों को उनके द्वारा व्यक्त की गई आशंकाओं को दूर करने में कितने सक्षम हैं.

संबंधित लेख व घडामोडी

पुण्यातील आगामी ‘अजय-अतुल लाईव्ह’ कॉन्सर्ट स्थगित

पुण्यातील आगामी ‘अजय-अतुल लाईव्ह’ कॉन्सर्ट स्थगित

   उन्मेष गुजराथी  स्प्राऊट्स Exclusive    पुण्यात दि.५ मे रोजी आयोजित करण्यात आलेली 'अजय-अतुल लाईव्ह' कॉन्सर्ट स्थगित  करण्यात आली असून 'आमच्या प्रस्तावित निदर्शनांमुळे शो स्थगित झाला आहे' असा  दावा  एड.राधिका कुलकर्णी यांनी केला आहे.यासंदर्भात त्यांनी...

Actor Sahil Khan arrested in Mahadev betting app case

Actor Sahil Khan arrested in Mahadev betting app case

 Unmesh GujarathiSprouts Exclusive Mumbai: The Mumbai Police has arrested actor Sahil Khan for his alleged involvement in the Mahadev betting app case. Sahil Khan was arrested in Chhattisgarh by the Special Investigating Team (SIT) of Mumbai Police Cyber Cell...

अर्थकारणाला वाहिलेलं ह्या पोर्टलवरून अर्थविश्वातील प्रत्येक क्षणाची घडामोड जाणून घेण्यासाठी

आमची समाजमाध्यमं

Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque

मनी कंट्रोल न्यूज पोर्टल © २०२२. सर्व हक्क आरक्षित.