लेखक : उन्मेष गुजराथी
4 Feb, 2023
उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स ब्रांड स्टोरी
भारत सरकार के पूर्व सचिव, ईएएस सरमा (EAS Sarma) ने सार्वजनिक क्षेत्र के विशालकाय, एलआईसी (LIC) का विनिवेश करने के केंद्र के मौजूदा प्रस्ताव पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं. वित्त मंत्रालय (एमओएफ) (ministry of finance (MoF) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) (initial public offering (IPO) लाकर एलआईसी के विनिवेश का मार्ग प्रशस्त कर रहा है.
सरमा ने वित्त मंत्रालय को संबोधित अपने पत्र में जोरदार शब्दों में प्रस्ताव पर तत्काल पुनर्विचार की मांग की है, जिसमें मांग की गई है कि एलआईसी (LIC) के साथ-साथ अन्य केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (Central Public sector enterprises) की विनिवेश प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाए.
उन्होंने वित्त मंत्रालय को हवाला दिया कि विनिवेश से प्राप्त होने वाले “भ्रमपूर्ण राजकोषीय संसाधन” (illusory fiscal resources) किसी भी तरह से बचत के घरेलू भंडार के नुकसान की प्रतिपूर्ति के रूप में काम नहीं करेंगे, जिससे सरकार भी बार-बार उधार लेती है.
उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि एलआईसी के विनिवेश से होने वाली आय, लागत प्रभावी तरीके (cost-effective manner) से उपक्रम से धन उधार लेने की सरकार की क्षमता से कहीं अधिक होगी. यह इंगित करते हुए कि सरकार की उधारी निहित संप्रभु गारंटी (implicit sovereign guarantee) द्वारा समर्थित है, उन्होंने कहा कि यह सरकार और जनता दोनों के हितों के लिए हानिकारक होगा जिन्होंने अपनी बचत जमा की है.
सरमा ने निर्मला सीतारमण को संबोधित अपने पत्र में अनुरोध किया है कि सरकार के एलआईसी और अन्य केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश के अपने निर्णय के साथ आगे बढ़ने से पहले उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उचित विचार किया जाए.
जनता की ओर से, सरमा ने कहा, “एलआईसी के पॉलिसी धारक और बड़े पैमाने पर जनता मूल्यांकन विवरण के बारे में जानने के हकदार हैं. पता चला है कि केंद्र ने एलआईसी का मूल्यांकन करने के लिए एक निजी सलाहकार नियुक्त किया है.
रिपोर्टों में यह भी उल्लेख किया गया है कि सार्वजनिक निर्गम का अनुमानित मूल्य 15 लाख करोड़ रुपये था और जनता का कुल बीमा हित या अंतर्निहित मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये था.
यह कहते हुए कि वास्तविक आंकड़े अनाधिकारिक स्रोतों द्वारा बताये जा रहे आंकड़ों से अलग हो सकते हैं, उन्होंने इसे शासन में पारदर्शिता का उल्लंघन बताया.
एलआईसी के विनिवेश से जनता की बचत बर्बाद हो जाएगी
इस मामले में सरकार को नुकसान होगा
लोगों को शर्तों को जानने का अधिकार है
केंद्र को इस कार्य पर विचार करने की जरूरत है
कुछ निजी निवेशक घटिया-सस्ती हिस्सेदारी खरीदेंगे
इस तरह की बोली से बड़े पैमाने पर लोग मूर्ख बनेंगे
बचत भंडार में जनता का पैसा डूब सकता है
संबंधित लेख व घडामोडी
पुण्यातील आगामी ‘अजय-अतुल लाईव्ह’ कॉन्सर्ट स्थगित
उन्मेष गुजराथी स्प्राऊट्स Exclusive पुण्यात दि.५ मे रोजी आयोजित करण्यात आलेली 'अजय-अतुल लाईव्ह' कॉन्सर्ट स्थगित करण्यात आली असून 'आमच्या प्रस्तावित निदर्शनांमुळे शो स्थगित झाला आहे' असा दावा एड.राधिका कुलकर्णी यांनी केला आहे.यासंदर्भात त्यांनी...
Actor Sahil Khan arrested in Mahadev betting app case
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive Mumbai: The Mumbai Police has arrested actor Sahil Khan for his alleged involvement in the Mahadev betting app case. Sahil Khan was arrested in Chhattisgarh by the Special Investigating Team (SIT) of Mumbai Police Cyber Cell...
Ban on MDH, Everest masala | India seeks details from food regulators of Singapore, Hong Kong
Unmesh GujarathiSprouts Exclusive India, the world's largest producer, consumer and exporter of spices, has sought details from food safety regulators of Singapore and Hong Kong, which has banned certain spices of Indian brands MDH and Everest due to quality...
अर्थकारणाला वाहिलेलं ह्या पोर्टलवरून अर्थविश्वातील प्रत्येक क्षणाची घडामोड जाणून घेण्यासाठी
आमची समाजमाध्यमं
Sed ut perspiciatis unde omnis iste natus error sit voluptatem accusantium doloremque